Please wait

श्विक दक्षिण पर केन्द्रित जी20 शिखर सम्मेलन में मतैक्य से जारी हुआ संयुक्त वक्तव्य

नई दिल्ली में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन में भारत की कूटनीति की सफलता के रूप में सभी सदस्य देश एक संयुक्त घोषणापत्र जारी करने पर सहमत हुए तथा अफ्रीकी संघ को संगठन के 21वें सदस्य के रूप में शामिल किया गया।

09 Sep 2023

श्विक दक्षिण पर केन्द्रित जी20 शिखर सम्मेलन में मतैक्य से जारी हुआ संयुक्त वक्तव्य

नई दिल्ली। नई दिल्ली में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन में भारत की कूटनीति की सफलता के रूप में सभी सदस्य देश एक संयुक्त घोषणापत्र जारी करने पर सहमत हुए तथा अफ्रीकी संघ को संगठन के 21वें सदस्य के रूप में शामिल किया गया।

शिखर सम्मेलन के पहले दिन नेताओं के बीच विचार-विमर्श के बाद जारी घोषणापत्र सर्वसम्मति के बाद अमल में आया, जो वैश्विक दक्षिण (विकासशील देशों) की समस्याओं पर केन्द्रित था। यूक्रेन युद्ध के कारण विभिन्न देशों में मतभेद और ध्रुवीकरण से ऊपर उठने में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मेजबान मुख्य वार्ताकार (शेरपा) ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। भारत को इस संबंध में दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील और इंडोनेशिया का सक्रिय सहयोग मिला।

पहले यह कयास लगाया जा रहा था कि नई दिल्ली शिखर सम्मेलन में पिछले बाली शिखर सम्मेलन के विपरीत संयुक्त वक्तव्य जारी होने की संभावना कम है। शिखर सम्मेलन की आज की कार्यवाही और संयुक्त घोषणापत्र के संबंध में विदेश मंत्री एस जयशंकर, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, मुख्य वार्ताकार (शेरपा) अमिताभकांत ने मीडिया को संबोधित किया।

विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि जी20 मुख्यतः विश्व अर्थव्यवस्था और आर्थिक मामलों पर विचार-विमर्श का मंच है लेकिन इसमें समकालीन विश्व घटनाक्रम पर भी गौर किया गया है।

संयुक्त वक्तव्य में यूक्रेन युद्ध से दुनिया विशेषकर वैश्विक दक्षिण पर पड़ रहे विपरीत असर की मुख्य रूप से चर्चा की गई। यूक्रेन युद्ध के कारण ईंधन, खाद्यान्न और उर्वरकों की उपलब्धता और आपूर्ति संबंधी दिक्कतों पर संयुक्त वक्तव्य में चिंता व्यक्त की गई। हालांकि यूक्रेन युद्ध के लिए रूस के खिलाफ सीधे रूप से कोई प्रतिकूल टिप्पणी नहीं की गई।

जयशंकर से पूछा गया कि बाली के विपरीत नई दिल्ली सम्मेलन में रूस का सीधे रूप से उल्लेख क्यों नहीं किया गया। इस पर उन्होंने कहा, “बाली बाली था और नई दिल्ली नई दिल्ली है।” इसे स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले एक वर्ष में बहुत कुछ बदला है। नई दिल्ली सम्मेलन मुख्यतः आज की समस्याओं पर केन्द्रित है।”

जयशंकर से पूछा गया कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के नई दिल्ली नहीं आने से क्या इस शिखर सम्मेलन का महत्व कम हुआ। विदेश मंत्री ने उत्तर दिया कि हर देश यह तय करता है कि किसी सम्मेलन में उसकी ओर से कौन प्रतिनिधित्व करे। उन्होंने कहा कि महत्वपूर्ण यह है कि कौन सा देश विचार-विमर्श में किस तरह योगदान करता है। जयशंकर ने शिखर सम्मेलन में चीन की भूमिका की प्रशंसा करते हुए कहा कि देश का योगदान सकारात्मक रहा तथा सम्मेलन के परिणामों के लिए यह अच्छा था।

उन्होंने कहा कि सम्मेलन में आतंकवाद और आतंकवादियों को धन मुहैया कराए जाने से विश्व शांति को उत्पन्न खतरे पर विशेष रूप से चर्चा की गई। सभी तरह के आतंकवाद को खतरा मानते हुए सामूहिक उपायों पर जोर दिया गया तथा आतंकवादियों को धन मुहैया कराए जाने से रोकने के लिए एफएटीएफ को समर्थन दिया गया।

जयशंकर ने कहा कि भारत ने शिखर सम्मेलन के लिए वसुधैव कुटंबकम का आदर्श वाक्य तय किया था। इसी के अनुरूप सम्मेलन में विचार-विमर्श हुआ। यह मेजबान देश के रूप में हमारे लिए संतोष की बात है। उन्होंने कहा कि शिखर सम्मेलन के सिलसिले में देशभर में आयोजित होने वाली विभिन्न बैठकों के जरिए इस संगठन के विचार-विमर्श के साथ जनता को सहभागी बनाया गया।

विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने शनिवार को जी20 शिखरवार्ता के बाद एक पत्रकार वार्ता में कहा कि नई दिल्ली जी20 लीडर्स घोषणापत्र मजबूत, टिकाऊ, संतुलित और समावेशी विकास को बढ़ावा देने पर केन्द्रित है।

विदेश मंत्री ने कहा कि घोषणापत्र सतत् विकास लक्ष्यों की प्रगति में तेजी लाने के लिए एक कार्ययोजना लाया है। इसमें स्थिर भविष्य के लिए हरित विकास के समझौते की कल्पना की गई है। उन्होंने बताया कि यह यह स्थायी विकास के लिए जीवनशैली पर उच्च-स्तरीय सिद्धांतों, हाइड्रोजन के स्वैच्छिक सिद्धांतों, टिकाऊ लचीली नीली अर्थव्यवस्था के लिए चेन्नई सिद्धांतों और खाद्य सुरक्षा और पोषण पर डेक्कन सिद्धांतों का समर्थन करता है। जी20 घोषणा पत्र में परिवर्तन, डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे पर ध्यान देने के साथ प्रौद्योगिकी की समावेशी भूमिका पर प्रकाश डाला गया है।

जयशंकर ने कहा कि भारत ने जी20 अध्यक्षता को समावेशी और व्यापक बनाने का प्रयास किया है। यह संतोष का विषय है कि भारत की अध्यक्षता में अफ्रीकी संघ जी20 का स्थाई सदस्य बना है। यह बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था के वर्तमान यथार्थ को उजागर करता है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शिखर सम्मेलन में अर्थव्यवस्था और आर्थिक मामलों में लिये गए फैसलों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि सम्मेलन में कर्ज की समस्या से जूझ रहे देशों की मदद करने के उपायों पर भी फैसले किए गए। उन्होंने कहा कि विचार-विमर्श में जन केन्द्रित आर्थिक व्यवस्था के महत्व को स्वीकार किया गया। सम्मेलन में विचार-विमर्श की मूल भावना यह थी कि कोई भी वर्ग और देश उपेक्षित न रहे।

Ad Image
Comments

No comments to show. Log in to add some!

Other Relevant Stories







Download The Taaza Tv App Now to Stay Updated on the Latest News!


play store download
app store download
app img


Breaking News